The Ultimate Guide To Shodashi
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चत्वारिंशत्त्रिकोणे चतुरधिकसमे चक्रराजे लसन्तीं
The image was carved from Kasti stone, a rare reddish-black finely grained stone used to fashion sacred images. It had been brought from Chittagong in present working day Bangladesh.
Though the precise intention or significance of the variation may well range determined by private or cultural interpretations, it can usually be comprehended being an extended invocation in the combined Electrical power of Lalita Tripurasundari.
The Sri Chakra is a diagram shaped from 9 triangles that surround and emit out of the central point.
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥१२॥
यह उपरोक्त कथा केवल एक कथा ही नहीं है, जीवन का श्रेष्ठतम सत्य है, क्योंकि जिस व्यक्ति पर षोडशी महात्रिपुर सुन्दरी की कृपा हो जाती है, जो व्यक्ति जीवन में पूर्ण सिद्धि प्राप्त करने में समर्थ हो जाता है, क्योंकि यह शक्ति शिव की शक्ति है, यह शक्ति इच्छा, ज्ञान, क्रिया — तीनों स्वरूपों को पूर्णत: प्रदान करने वाली है।
यस्याः विश्वं समस्तं बहुतरविततं जायते कुण्डलिन्याः ।
देवीभिर्हृदयादिभिश्च परितो विन्दुं सदाऽऽनन्ददं
या देवी हंसरूपा भवभयहरणं साधकानां विधत्ते
Sati was reborn as Parvati for the mountain king Himavat and his wife. There was a rival of gods named Tarakasura who could possibly be slain only through the son Shiva and Parvati.
To the fifth auspicious day of Navaratri, check here the Lalita Panchami is celebrated given that the legends say that this was the day once the Goddess emerged from fireplace to destroy the demon Bhandasura.
केयं कस्मात्क्व केनेति सरूपारूपभावनाम् ॥९॥
इसके अलावा त्रिपुरसुंदरी देवी अपने नाना रूपों में भारत के विभिन्न प्रान्तों में पूजी जाती हैं। वाराणसी में राज-राजेश्वरी मंदिर विद्यमान हैं, जहाँ देवी राज राजेश्वरी(तीनों लोकों की रानी) के रूप में पूजी जाती हैं। कामाक्षी स्वरूप में देवी तमिलनाडु के कांचीपुरम में पूजी जाती हैं। मीनाक्षी स्वरूप में देवी का विशाल भव्य मंदिर तमिलनाडु के मदुरै में हैं। बंगाल के हुगली जिले में बाँसबेरिया नामक स्थान में देवी हंशेश्वरी षोडशी (षोडशी महाविद्या) नाम से पूजित हैं।
Hadi mantras are recognized for their electricity to purify and are typically used for cleansing rituals and preparatory practices.